कैसे करते हैं रंगो का उपयोग - how to use colors in vastu
आजकल ज्यादातर वास्तु विद रंगो का उपयोग करते है, इस विद्या को कलर थेरेपी (color therapy) है. रंग हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होते है व् हमारे शरीर और माहौल से सीधा सम्बन्ध रखते है. प्राचीन समय से रंगो का उपयोग घरो में विभिन्न कार्यों में किया जाता है जानते है क्या है इनका महत्व।
इन रंगो का सीधा सम्बन्ध हमारे शरीर के चक्रों से होता है. जिसके बारे में हमारे शास्त्रो में उल्लेख है. हमारे शरीर में 7 चक्र होते है और हरेक का रंग अलग होता है.
ये चक्र हमारे भूत, भविष्य और वर्तमान से पूरी तरह सम्बन्ध रखते है. ऐसा कहा जाता है के हमारी हर समस्या का कारण व् हल इन चक्रों में ही छिपा होता है. इसलिए कुछ विद्वान रंगो के द्वारा चक्रो को ठीक या जागृत करते है.
वास्तु शास्त्र में भी हर दिशा व् कोने का सम्बन्ध अलग अलग रंगो से होता है, जैसे ईशान कोण का हरे रंग से, साउथ-वेस्ट का महरुन या ब्राउन रंग से. वास्तुविद रंगो उपयोग करके समस्या सम्बंधित कोने में रंगो के द्वारा पॉजिटिव ऊर्जा का संचार करते है.
अगर विस्तृत तरीके से बात की जाए तो उत्तर दिशा नील रंग को दर्शाती है और मनोविज्ञान के अनुसार नीला रंग ठंडक और पैसे को प्रदर्शित करता है.
इन रंगो का सीधा सम्बन्ध हमारे शरीर के चक्रों से होता है. जिसके बारे में हमारे शास्त्रो में उल्लेख है. हमारे शरीर में 7 चक्र होते है और हरेक का रंग अलग होता है.
ये चक्र हमारे भूत, भविष्य और वर्तमान से पूरी तरह सम्बन्ध रखते है. ऐसा कहा जाता है के हमारी हर समस्या का कारण व् हल इन चक्रों में ही छिपा होता है. इसलिए कुछ विद्वान रंगो के द्वारा चक्रो को ठीक या जागृत करते है.
वास्तु शास्त्र में भी हर दिशा व् कोने का सम्बन्ध अलग अलग रंगो से होता है, जैसे ईशान कोण का हरे रंग से, साउथ-वेस्ट का महरुन या ब्राउन रंग से. वास्तुविद रंगो उपयोग करके समस्या सम्बंधित कोने में रंगो के द्वारा पॉजिटिव ऊर्जा का संचार करते है.
अगर विस्तृत तरीके से बात की जाए तो उत्तर दिशा नील रंग को दर्शाती है और मनोविज्ञान के अनुसार नीला रंग ठंडक और पैसे को प्रदर्शित करता है.
पूर्व दिशा हरे रंग को दिखाती है जो हमेशा आगे बढ़ने की और इशारा करता है चाहे कोई भी स्थिति क्यों ना हो
दक्षिण दिशा लाल रंग को दर्शाती है जो की एक गर्म रंग है. लाल रंग हमारे शरीर की अग्नि को दर्शाता है जिससे पाचन क्रिया सही चलती है जो की शरीर के संचालन के लिए अति आवश्यक है.
दक्षिणपश्चिम दिशा ब्राउन या पिले रंग को दर्शाती है पीला रंग टिकाव ओर मीठेपन का प्रतीक है, ये शांति लाता है.
पश्चिम दिशा सफ़ेद-काले रंग की मानी जाती है, ब्लैक एंड वाइट कलर जिंदगी के दोनों पहलु अच्छे और बुरे की और इशारा करता है कोई भी निर्णय करते समय अच्छे और बुरे का ज्ञान होना जरुरी है.
इस प्रकार कोई वास्तु कंसलटेंट इन रंगो की मदद से जीवन में परिवर्तन लाने की कोशिश करता है.
इन रंगो में मनोविज्ञान और तत्व ज्ञान दोनों काम करते है और काफी हद तक एक ही प्रॉपर्टी की ओर इशारा करते है.
आगे मैं हर रंग के बारे में एक विस्तृत रूप से लेख डालूंगा
अब बात आती है रंगो को यूज़ कैसे किया जाए तो इसमें आप कुछ बाते फॉलो कर सकते है.
1. दीवारो पे सम्बंधित रंग करा सकते है, आजकल इंटीरियर डिज़ाइनर इसीलिए वास्तु जानकार की मदद लेते है
2. सम्बंधित रंग के कपडे का उपयोग या कोई स्टोन का उपयोग किया जाता है
3. उसी रंग के सामान स्थापित किये जाते है. जैसे पिरामिड, सजावटी सामान।
वास्तु में कैसे करते हैं रंगो का उपयोग - how to use colors in vastu
अब बात आती है रंगो को यूज़ कैसे किया जाए तो इसमें आप कुछ बाते फॉलो कर सकते है.
1. दीवारो पे सम्बंधित रंग करा सकते है, आजकल इंटीरियर डिज़ाइनर इसीलिए वास्तु जानकार की मदद लेते है
2. सम्बंधित रंग के कपडे का उपयोग या कोई स्टोन का उपयोग किया जाता है
3. उसी रंग के सामान स्थापित किये जाते है. जैसे पिरामिड, सजावटी सामान।
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