वास्तु शास्त्र मे सत्य देवता



सत्य - (101.25-112.50 degree)

कार्य - प्रतिब्धता, वायदा, अहंकार, साख बनाने वाला

चक्र - स्वादिष्ठान


Satya devta

सत्येन तत्व के बारे में वेदों में बताया गया है इन्हे प्रतिष्ठा बनाने वाला देवता माना गया है. अडिग रहना इस शक्ति का हिस्सा माना जाता है जिसे हम अड़ियल स्वभाव भी बोल सकते यही. सत्य देव किसी की प्रतिष्ठा और साख बनाने वाले माना जाता है, किसी व्यक्ति की सत्यता व् उसकी जबान की वैल्यू इसी जोन से चलती है, ये जोन घर में खराब होने पर किये हुए वादे खराब होते है चाहे वो आप करें या कोई आपको करें। इस शक्ति से ही वचन या वाणी में सत्यता आती है. इसके अलावा एक कार्य और भी इस शक्ति से कार्यन्वित होता है विश्लेषण क्षमता, किसी कार्य का सही से अवलोकन करना फिर निर्णय पर पहुंचना ये सब सत्य देव ही देते है. 

Comments

click on pic

click on pic
My vastu and Astro notes

Popular posts from this blog

कैसे और क्यों उपयोग करते है घोड़े की नाल - black horse shoe benefits in hindi

ऐसे दृश्य जो धन से जुड़े होते है - scene which indicates money

पिता - पुत्र में अनबन एवं वास्तु दोष

वास्तु शास्त्र मंडल के 45 देवता

दक्षिणपूर्व मुखी घर का वास्तु AAGNAY MUKHI GHAR KA VASTU

क्यों मुख करते है उत्तर या पूर्व का

वास्तु शास्त्र सिर्फ नक़्शे का ज्ञान - actual meaning of vastu

मनचाही शादी के लिए जरूरी वास्तु दिशाएं - vastu tips for marriage

Popular posts from this blog