क्यों मुख करते है उत्तर या पूर्व का
अक्सर हम बहुत जगह पड़ते है या हमे सिखाया भी जाता है के खाना खाते समय या पड़ते वक़्त या अन्य कार्य करते समय अपना मुख पूर्व या उत्तर की तरफ करना चाहिए। ऐसा करने से फायदा होता है. वास्तु शास्त्र में पूर्व या उत्तर मुख को महत्व दिया गया है लेकिन क्या आप जानते है क्यों कहते है ऐसा करने को. आइये जानते है। …
वैज्ञानिक तथ्य क्या है - scientific reason for facing north always
हम जानते है की हमारी पृथ्वी के दो छोर है उत्तरी ध्रुव (north pole) और दक्षिणी ध्रुव (south pole). उत्तरी ध्रुव से ही ऑक्सीजन गैस, जो हमारे लिए जरूरी है, निकलती है जो दक्षिण ध्रुव की और जाती है। ये प्रवाह उत्तर से दक्षिण व् पूर्व से पश्चिम की और होता है.
यदि हम खाना कहते समय पूर्व या उत्तर की और मुख करते है तो हमारे शरीर को लगातार वायु आपूर्ति होती है जिससे शरीर को ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ती और कोशिकाएं व् अन्य शारीरिक प्रणाली ठीक कार्य करती रहती है वही हम ज्यादातर अपना मुख दक्षिण की तरफ रखते है तो तो उसके शरीर को ज्यादा मेंहनत करनी पड़ती है जिसका असर उसके श्वास तंत्र पर व् अन्य हिस्सों पर पड़ता है.
यदि हम खाना कहते समय पूर्व या उत्तर की और मुख करते है तो हमारे शरीर को लगातार वायु आपूर्ति होती है जिससे शरीर को ज्यादा मेहनत नही करनी पड़ती और कोशिकाएं व् अन्य शारीरिक प्रणाली ठीक कार्य करती रहती है वही हम ज्यादातर अपना मुख दक्षिण की तरफ रखते है तो तो उसके शरीर को ज्यादा मेंहनत करनी पड़ती है जिसका असर उसके श्वास तंत्र पर व् अन्य हिस्सों पर पड़ता है.
ये बहुत जल्दी असर नही करता लेकिन जब ऐसा हमारी दैनिक कार्यशैली हो जाये तो आगे चलकर काफी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसी वजह से कुछ लोग इसे धरम से जोड़ देते है ताकि लोग इसे अपने दैनिक जीवन में अपना सके.
नोट - खाना बनाते समय अपना मुख भूलकर भी उत्तर की तरफ नही करना चाहिए। इसका भी तथ्य है जो हम आने वाली पोस्ट में बताएँगे।
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